समझ पाते तो समझौते….
ना यूं होते आते-जाते…!
गिले सिकवों से गले मिलते
गिनते ना कुछ गिनाते…!
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लेखक: सत्यार्चन.SathyaArchan
हिन्द-हिन्दी-हिन्दू-हित-हेतु.....
वास्तविक हिन्द हितचिंतक मंच!.
प्रयास और परिवर्तन के प्रबल पक्षधर पराजित नहीं होते...
हो भी नहीं सकते !!!
- #सत्यार्चन #SathyArchan #Satyarchan
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